International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(1):150-158
झुंझुनू जिलें में शस्य गहनता व फसल उत्पादन एक प्रतिकात्मक अध्ययन
Author Name: अमित कुमार; ड़ॉ. एस.एस. खींची;
Paper Type: research paper
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Abstract:
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। देश की जनसंख्या वृद्धि, भूमि पर बढ़ते दबाव तथा सीमित संसाधनों के कारण कृषि उत्पादन बढ़ाना आज की आवश्यकता बन गया है। इस परिप्रेक्ष्य में शस्य गहनता (Cropping Intensity) का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भूमि उपयोग की तीव्रता तथा फसल उत्पादन क्षमता का प्रत्यक्ष सूचक है। प्रस्तुत अध्ययन में एक चयनित क्षेत्र का प्रतिकात्मक रूप से विश्लेषण किया गया है, जिसमें भूमि उपयोग, फसलों की विविधता, सिंचाई सुविधा, जलवायु परिस्थिति तथा कृषक तकनीकी ज्ञान के आधार पर शस्य गहनता और फसल उत्पादन के बीच संबंध को समझने का प्रयास किया गया है। अध्ययन में पाया गया कि जिन क्षेत्रों में सिंचाई, उर्वरक उपयोग तथा फसल विविधीकरण का स्तर अधिक है, वहाँ शस्य गहनता के साथ-साथ फसल उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। शोध के परिणाम यह दर्शाते हैं कि उचित कृषि प्रबंधन, तकनीकी नवाचार, और बहुफसली प्रणाली अपनाने से न केवल शस्य गहनता में वृद्धि की जा सकती है, बल्कि भूमि की उत्पादकता और किसानों की आय में भी सुधार संभव है। इस प्रकार, यह अध्ययन यह संकेत देता है कि शस्य गहनता में वृद्धि सतत कृषि विकास तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Keywords:
फसल विविधीकरण, शस्य गहनता, सतत कृषि विकास, कृषि उत्पादन
How to Cite this Article:
अमित कुमार,ड़ॉ. एस.एस. खींची. झुंझुनू जिलें में शस्य गहनता व फसल उत्पादन एक प्रतिकात्मक अध्ययन. International Journal of Contemporary Research in Multidisciplinary. 2025: 4(1):150-158
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