International Journal of Contemporary Research In Multidisciplinary, 2025;4(1):193-195
मानव जीवन पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव
Author Name: ओम प्रकाश लुक्कड़;
Abstract
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जिसमें मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, समझने, निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने की क्षमता दी जाती है। इसमें मशीनों को इस तरह से प्रोग्राम किया जाता है कि वे इंसानी मस्तिष्क की तरह तर्क, अनुभव, और ज्ञान के आधार पर कार्य कर सकें। कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उद्देश्य मशीनों को स्मार्ट बनाना है, ताकि वे जटिल कार्यों को स्वचालित रूप से और तेजी से कर सकें।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का मानव जीवन पर व्यापक और गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसके विकास ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं, जैसे स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, रोजगार, परिवहन, और मनोरंजन। कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा स्वचालन के माध्यम से समय और श्रम की बचत हो रही है जिससे उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। उदाहरण के लिए, चिकित्सा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग बीमारियों की शीघ्र पहचान और उपचार में हो रहा है जिससे रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
हालांकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी सामने आए हैं। रोजगार के क्षेत्रों में स्वचालन के कारण कुछ नौकरियां प्रभावित हो रही हैं, जिससे बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है। फिर भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव जीवन को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उभर रहा है। यह न केवल जटिल कार्यों को सरल बना रहा है, बल्कि यह नए अवसरों और संभावनाओं के द्वार भी खोल रहा है, जिससे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और प्रगति की संभावनाएं बढ़ रही हैं
Keywords
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, समाज, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, रोजगार, परिवहन, और मनोरंजन